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इस विशाल भूमण्डल पर जहाँ हम रहते हैं उस पुरुष प्रधान समाज में सैद्धांतिक रूप से जो नारी पूजनीय एवं वरेण्य है किन्तु व्यावहारिक जगत में दोहरे मानदण्ड अवश्य देखे जा सकते हैं। इस देश की धार्मिक संस्कृति में तो यही कहा जाता है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रम
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