बाजारवाद और संचार.माध्यम
DOI:
https://doi.org/10.8855/gxhk9s65Abstract
बाज़ार वस्तुओं को ष्जरूरतष् नहीं ष्चाहतष् बना देता है। जब वस्तुओं का उपभोग ष्जरूरतष् के लिए नहीं बल्कि ष्चाहतष् की पूर्ति के लिए हो रहा होए तो समझ लीजिए कि हम बाज़ारवाद के शिकन्जे में फँस चुके हैं।
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2013-2024
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Articles