वैदिक संस्कृति के परिप्रेक्ष्य में आर्यो की उत्पत्ति एवं भारत के नवजागरण में योगदान
DOI:
https://doi.org/10.8855/b606ry85Abstract
वैदिक संस्कृति, भारत की पुरातन संस्कृति है। इस संस्कृति के कारण ही भारत, संसार का गुरू कहलाता था। वेद भारतीय वांङमय व संस्कृति की अनुपम मणि मंजूषा है एवं वैदिक धर्म ही सत्य सनातन तथा शाश्वत धर्म है। सृष्टि की रहस्यमयी प्रक्रिया की व्याख्या वेद की नानाविधाओं के रूप में उपलब्ध होती है। भारतवर्ष मैं रहने वाली सर्वप्रथम जाति आर्य थी और आर्यों की अपनी संस्कृति भी, वैदिक संस्कृति ही थी। प्रस्तुत लेख द्वारा आर्यों की आदिभूमि, सिद्धान्तों ,मान्यताओं ,नियमों एवम् भारत के नवजागरण हेतु आर्यों के योगदान पर प्रकाश डाला गया है।
प्रस्तुत आलेख को सृष्टि की समकालीन पुस्तक ऋग्वेद सहित मनुस्मृति, वाल्मीकि रामायण, महाभारत, वशिष्ट स्मृति, विदुरनीति, भगवद्गीता, चाणक्यनीति,अमरकोष,कौटिल्यकृत अर्थशास्त्र,पंचतन्त्र, धम्म पद, एवं पाणिनी सूत्र द्वारा सन्दर्भित किया गया है।