संविधान और राजनीति : भारतीय संघवाद के संदर्भ में
DOI:
https://doi.org/10.8855/75rkan58Abstract
भारतीय संविधान और राजनीति के संदर्भ में संघवाद एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। संविधान भारतीय राजनीति का मौलिक आधार है, जो 1950 में लागू हुआ था। यह देश के संघीय ढांचे को स्थापित करता है, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच शक्ति विभाजन की नीति को स्थापित किया गया है। संविधान ने संघीय राज्यों को अपने स्वायत्तता की एक निश्चित अनुमति दी है, जिससे वे अपनी स्थानीय राजनीति को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके अलावा, संविधान ने लोकतंत्र की बुनियाद रखी है, जिसमें नागरिकों को चुनावी प्रक्रियाओं के माध्यम से सरकार को चुनने का अधिकार है। संघवाद के संदर्भ में, संविधान ने केंद्र और राज्यों के बीच संघ के तंत्र को स्थापित किया है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर सरकार को कुछ विशेष क्षेत्रों में अधिकार है, जबकि स्थानीय स्तर पर राज्य सरकार को अपनी स्वतंत्रता है। यह संविधान द्वारा स्थापित संरचना भारतीय राजनीति को संघवादी रूप में संगठित करती है, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच संतुलन और सहयोग का माध्यम बनाती है।