जाति और भारतीय राजनीति

Authors

  • शीला देवी Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/hse35s47

Abstract

स्वाधीनता संग्राम के दौरान ऐसा दीखता था कि जनता पर जातिवाद का प्रभाव कम हो रहा है, किन्तु स्वतन्त्रता प्राप्ति के उपरान्त जातिवाद ने फिर जोर पकड़ा और वयस्क मताधिकार व्यवस्था के देश में लागू कर दिए जाने पर राजनीति शक्ति के रूप में उदित हुआ है, राजनीति पर जाति का प्रभाव प्रतिनिधि व्यवस्था के लागू होने के समय से ही शुरू हो गया था, इसके लिए उत्तरदायी है ब्रिटिश प्रशासन।  आरम्भ में तो सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से उच्च जातियां ही राजनीति से प्रभावित रही है और राजनीतिक लाभ उन्हीं तक सीमित रहे।

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Published

2013-2025

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Articles