आधुनिक परिवेश में सांस्कृतिक मूल्य

Authors

  • डाॅ. किरण शर्मा Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/w30h8376

Abstract

किसी राष्ट्र अथवा जाति का वैशिष्ट्य उसकी संस्कृति में निहित रहता है। संस्कृति किसी जाति अथवा देष की उस चिन्तन-परम्परा का नाम है, जिसका विकास प्राकृतिक परिवेष की अनुकूलता में होता है। प्रत्येक संस्कृति के कुछ विषेष मूल्य होते हैं। जिनमें समाज विषेष की जीवन सम्बन्धी मान्यताएं सुरक्षित रहती हैं। इन्हें ही सांस्कृतिक मूल्य कहते हैं। इन मूल्यों का उद्देष्य समाज में सुव्यवस्था बनाए रखना है। यह प्रष्न स्वाभाविक ही है कि क्या संास्कृतिक मूल्य स्थिर एवं अपरिवर्तनषील होते है? इसके साथ ही एक अन्य प्रष्न भी प्रासांगिक है कि क्या मूल्य समाज के द्वारा प्रदत्त ही होते हैं और व्यक्ति उन्हें स्वीकार भर करता है। अथवा वह स्वयं मूल्यों का विकास करता है। ये दोनों प्रष्न मूल्यों की विकास-प्रक्रिया से सम्बद्ध हैं। संस्कृति का मानव वृत्तियों से भी घनिष्ठ संबंध होता है अतः अनेक सांस्कृतिक मूल्य स्थायी होते हैं। 

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Published

2013-2024

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Section

Articles