मानवकल्याण-विषयक वैदिक आदर्श एवं अंग्रेशी गीतों में उनका निदर्शन
DOI:
https://doi.org/10.8855/cp334z40Abstract
मनुस्मृति वेफ इस वाक्य से स्पष्ट हो जाता है कि मानवजीवन का कोई भी पक्ष अथवा विषय वैदिक )षियों एवं विचारकों की दृष्टि से परे नहीं है। हमारे पूर्वज मनीषियों द्वारा अनुभूत एवं साक्षात्वृफत जीवन-दर्शन, विविध् तथ्यों तथा उपदेशों वेफ रूप में वेदसदृश अमूल्य निध् िमें निहित है। वेदों वेफ परिशीलन से ज्ञात होता है कि उनमें प्रतिपादित विविध् विषयों में एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण विषय है - समस्त मानवजाति वेफ कल्याण की कामना। वैदिक )षियों वेफ अमूल्य वचनों वेफ माध्यम से भारतीय वैचारिक परम्परा की परिपक्वता तथा उदार-हृदयता का परिचय मिलता है।
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2013-2024
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Articles