डॉ अम्बेड़कर द्वारा अस्पृश्यता का निवारण: एक अध्ययन
DOI:
https://doi.org/10.8855/ra7a5h35Abstract
एक अग्रणी समाज सुधारक, कानूनी विद्वान और भारतीय संविधान के वास्तुकार डॉ. अंबेडकर ने छुआछूत की अमानवीय प्रथा को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह सार ऐतिहासिक संदर्भ, वैचारिक आधार और सामाजिक न्याय की उनकी निरंतर खोज में डॉ. अंबेडकर द्वारा अपनाई गई रणनीतिक पद्धतियों की पड़ताल करता है। प्राथमिक और माध्यमिक स्रोतों की एक विविध श्रृंखला पर आधारित, यह अध्ययन गहरी जड़ें जमा चुकी जाति व्यवस्था को चुनौती देने में कानूनी हस्तक्षेप, सामाजिक आंदोलनों और वैचारिक प्रवचनों सहित डॉ. अंबेडकर के बहुआयामी दृष्टिकोण का आलोचनात्मक मूल्यांकन करता है। इतिहास, समाजशास्त्र, कानून और राजनीति विज्ञान को शामिल करते हुए एक अंतःविषय के माध्यम से, इस अध्ययन का उद्देश्य अस्पृश्यता के उन्मूलन के लिए डॉ. अंबेडकर के संघर्ष की जटिलताओं और निहितार्थों में अंतर्दृष्टि प्रदान करना है, जो समकालीन सामाजिक-राजनीतिक विमर्श में इसकी स्थायी प्रासंगिकता पर प्रकाश डालता है।