स्त्री मुक्ति के स्वप्न एवं संघर्ष : परिदृश्य
DOI:
https://doi.org/10.8855/r2x97a97Abstract
वर्तमान हिंदी कहानी के परिदृश्य में स्त्री विमर्श संबंधी कहानियों के कथानकों का विश्लेषण करते हुए यह तथ्य स्वतः सिद्ध हो जाता है कि आज की नारी अबला नहीं। वर्तमान हिंदी कहानी में स्त्री लेखिकाएं अपनी बेहद निजी तथा व्यक्तिगत जिंदगी के अनुभवों का बेबाक वह स्वच्छंद चित्रण कर रही हैं। इन स्त्री कथाकारों का मानना है कि वह उनका स्त्री मुक्ति तथा स्त्री सशक्तीकरण की दिशा में स्त्री-जाति को जागरूक व सचेत करने का प्रयत्न है ताकि वह उनके व्यक्तिगत अनुभवों से अपने जीवन के कुछ अहम फैसले लेने में समर्थ हो सकें।
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2013-2024
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Section
Articles