न्याय - सूत्रा के अनुसार संशय पदार्थ का स्वरूप-विवेचन
DOI:
https://doi.org/10.8855/tqfexy67Abstract
न्याय ;तर्कशास्त्रा अथवा हेतु विद्याद्ध भारतीय दर्शन के विषयों में से एक प्रमुख विषय है, भारत में जिसका प्रादुर्भाव औपनिषदिक काल में ही हो चुका था। बृहदारण्यकोपनिषद की एक श्रुति है - फ्आत्मा वा अरे दृष्टव्यः श्रोतव्यो मन्तव्यो निदिध्यासितत्यश्च।य्1
Published
2013-2024
Issue
Section
Articles