विद्यालयी शिक्षा में साहित्य

Authors

  • REENA YADAV Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/nfk8z879

Abstract

साहित्य का उद्देश्य मनुष्य में चेतना लाना है। मन के सद् विचारों को कलात्मक रूप देकर शब्दों में अभिव्यक्त करना ही साहित्य है। मौखिक अभिव्यक्ति केवल कुछ समय के लिए रहती है परन्तु लिखित अभिव्यक्ति साहित्य का रूप धरण दीर्घकाल तक स्थाई रूप ले लेती है। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार ‘‘मनुष्य ही साहित्य का लक्ष्य है।’’ मनुष्य का कल्याण ही साहित्य का प्रथम और अन्तिम उद्देश्य है। द्विवेदी जी ने कहा है ‘‘मनुष्य को साहित्य की दृष्टि से देखने का पक्षपाती हूंु जो वाग्जाल मनुष्य को दुर्गति, हीनता और परमुखपेक्षिता से बचा न सके, जो उसकी आत्मा को तेजोद्वीज न बना सके, जो उसके हृदय को परदुखःकातर और संवेदनशील न बना सके, उसे साहित्य कहने में मुझे संकोच होता है

Downloads

Published

2013-2024

Issue

Section

Articles