ईदगाह कहानी के पात्र बालक हामिद के जीवन पर प्रकाश
DOI:
https://doi.org/10.8855/q3ewzq50Abstract
आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी का जन्म सन् 1880 में बनारस के निकट लमही नामक गाँव में एक साधारण कायस्थ परिवार में हुआ था ।बचपन का इनका नाम धनपत राय था । प्रेमचंद को नवाब राय और मुंशी प्रेमचंद के नाम से भी जाना जाता है।इनके दादाजी गुर सहाय राय जोकि, पटवारी थे और पिता अजायब राय पोस्ट मास्टर थे ।बचपन से ही इनका जीवन बहुत ही, संघर्षो से गुजरा था। पिताजी डाक विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत थे ।माता जी आनंदी देवी का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा था ।मात्र पाँच वर्ष की आयु में ही माता विहीन हो गए अर्थात् इनकी स्वर्गवासी हो गई ।कुछ समय बाद पिताजी ने दूसरा विवाह कर लिया . सौतेली माता ने कभी प्रेमचंद जी को, पूर्ण रूप से नही अपनाया ।मात्र 14 वर्ष की अवस्था में ही इनके पिता जी भी स्वर्गवासी हो गए।परिवार का सारा दायित्व इनकी कंधों पर आ गया जिसके कारण सोलह वर्ष की आयु में ही ही नौकरी करनी पड़ गई ।मदरसा मे रह कर, इन्होंने हिन्दी के साथ उर्दू व थोडा बहुत अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान प्राप्त किया ।स्नातक की पढ़ाई के लिये , बनारस के एक कालेज मे दाखिला लिया