डाॅ0 शत्रुघ्न प्रसाद के उपन्यास ‘‘षिप्रा साक्षी है’’ की कथावस्तु का विष्लेषण

Authors

  • डाॅ0 ओंकार पासवान Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/zgmesy04

Abstract

इस उपन्यास का प्रथम संस्करण 2009 में पुस्तक भवन, नई दिल्ली से हुआ है। यह उपन्यास शकारि विक्रमादित्य द्वारा शकों के पूर्ण पराभव पर आधारित है। ‘‘षिप्रा साक्षी है’’ पुस्तक के प्रारम्भ में ही शत्रुघ्न प्रसाद लिखते है - ‘‘ऐतिहासिक उपन्यास इतिहास का चर्बित - चर्वण नही होता , अतीत रस का आस्वादन नही होता। यह तो गतिशील मानव-जीवन के यथार्थ का आलोकन -आलोचन होता है खण्डहर में सोया अतीत उठकर वर्तमान से जुड़ जाता है 

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Published

2013-2024

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Articles