निराला साहित्य में नारी चेतना के विविध सोपान

Authors

  • डाॅ0 हसीना बानो Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/rk288z82

Abstract

व्यक्ति जिस समाज, जिस देश और जिस युग में जीता है, उस युग की अनुभूतियों को सहेज कर यथार्थता से पूरित अपने ढंग से उन अनुभूतियों को, ऊभ-चूभ झेलती समस्याओं को निराले ढंग से अभिव्यक्ति करता है। निराला भी ऐसे विरले साहित्यकार हैं जो अपने युगीन परिस्थितियों से घिरे हुए समाज के विविध रूपों को देखा और उसे अपने साहित्य का विषय बनाया। उनके जीवन में विभिन्न अनुभूतियां ही सबल रही हैं, उन्होंने अपने युग के समाज में प्रतिदिन जमींदारों के अत्याचार से पीड़ित शोषित जनों का क्रन्दन सुना था, कृषकों की दयनीय स्थिति, बेकारी की समस्या, उपेक्षित नारियों की दीन-हीन दशा, 

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Published

2013-2025

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Articles