चूरू जिले के भित्ति चित्रों में प्रयुक्त संयोजन की सैद्धान्तिक प्रक्रियाएँ

Authors

  • डा. नरेन्द्र कुमार Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/ndws6756

Abstract

चित्रण पद्धति एवं चित्रण प्रक्रिया के साथ-साथ प्राचीन भारतीय साहित्य एवं ग्रन्थों में चित्रों के विभिन्न आयामों, सैद्धान्तिक अनुपात, रेखा, रूप, वर्ण, क्षय, वृद्धि आदि का भी विस्तृत विवेचन किया गया है जिसके अन्तर्गत विष्णुधर्मोत्तर में विभिन्न वर्णों या वर्ग के व्यक्तियों की अलग-अलग नाप व शारीरिक बनावट आदि के बारे में बताया गया है जिनमें ग्रामीण, नागरिक कलाकार, योद्धा, सैनिक सभी अपने-अपने चरित्र के अनुसार चित्रित होने चाहिये, इनमें से बहुत से पंचमहापुरुष के अन्तर्गत आते हैं। ये पंचमहापुरुष, हंस, भद्र, मालव्य, रुचक और शशक के नाम से प्रसिद्ध है। जिनका मान क्रमशः 108, 106, 104, 100, 90 अंगुल है। वृहत्संहिता में इनका क्रम यहाँ के विपरीत है। अर्थात हंस का मान सबसे कम तथा शशक का सबसे अधिक बताया गया है।

Published

2013-2024

Issue

Section

Articles