आजादी के बाद भारतीय मुसलमानः मुस्लिम उपन्यासकारों की रचनाओं के विशेष सन्दर्भ में

Authors

  • Soniya Jangir, Dr. Azaz Ahmad Qadri Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/2k1nnp61

Abstract

-यह शोध पत्र आजादी के बाद भारतीय मुसलमानः मुस्लिम उपन्यासकारों की रचनाओं के विशेष सन्दर्भ का विश्लेषण करता है। यह अध्ययन स्वतंत्रता के बाद के युग में साहित्य और समाज में भारतीय मुस्लिम उपन्यासकारों के योगदान की जांच करता है। यह पता लगाता है कि इन लेखकों ने अपने कामों के माध्यम से मुस्लिम पहचान, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक-राजनीतिक चुनौतियों की जटिलताओं को कैसे चित्रित किया है। राही मासूम रजा, यशपाल, बदी उज्मा, गुलशेर खां, अब्दुल बिस्म्मिल्ला, और कमलेश्वर जैसे प्रमुख लेखकों के चुनिंदा उपन्यासों का विश्लेषण करके, शोध पहचान संकट, सांप्रदायिक तनाव और सामाजिक न्याय की आकांक्षाओं जैसे सामान्य विषयों पर प्रकाश डालता है। विषयगत विश्लेषण के माध्यम से, यह अध्ययन तेजी से बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में भारतीय मुसलमानों के अनुभवों को स्पष्ट करने के लिए इन उपन्यासकारों द्वारा नियोजित कथा तकनीकों की भी जांच करता है। इन उपन्यासकारों की साहित्यिक उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, यह शोध समकालीन भारत में सार्वजनिक विमर्श को आकार देने और सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है।

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2013-2024

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Articles