बदलते पर्यावरण का फसलों एंव स्वास्थ्य पर प्रभाव
DOI:
https://doi.org/10.8855/ytarqz78Abstract
21वीं शताब्दी प्रमुख चुनौतियों के मार्ग पर तेजी से वृद्धि कर रही है। इनमें जनसंख्या वृद्धि, कृषि, भूमि व अन्य प्राकृतिक संसाधनो में गिरावट सम्मिलित है और इन सब के अतिरिक्त ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन पर्यावरण परिवर्तन में सबसे अधिक योगदान कर रहा है। औद्योगीकरण व मशीनीकरण की दुनिया में यह सबसे बड़ी चुनौती माना जा रहा है। पृथ्वी का वातावरण एक नाजुक मोड़ पर पहुंच चुका है। इसका बदलता हुआ रूख पृथ्वी के विनाश का कारण बन सकता है। इस संदर्भ में दुनिया के लगभग सभी वैज्ञानिक चिंतित हैं। वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन पृथ्वी की हरियाली के लिए वनों, कृषि तथा सामान्यतया पूरे जीवन के लिए एक भारी खतरा है। यह एक भारी विसंगति है किंतु वैज्ञानिक तौर पर इन दोनों के बीच में अन्योन्याश्रित संबंध दिखाई देता है। यदि ठीक परिमाण में हो तो कार्बन-डाइ-ऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, सल्फर-डाइ-ऑक्साइड आदि ग्रीनहाउस गैसों की उपस्थिति जीवन और जलवायु की स्थिरता के लिए आवश्यक है। जब ये ग्रीनहाउस गैस अधिक मात्रा में एकत्रित हो जाती हैं तो पृथ्वी गर्म हो जाती है। इससे जलवायु में बदलाव आ जाता है। इन गैसों का वायुमंडल में अनुचित मात्रा में एकत्र हो जाना ही समस्या की जड़ है।