हरिद्वार में पर्यटन हेतु नागरिक एवं सामाजिक सुविधाएं

Authors

  • प्रो. एल. बी. रावत   and कैलाश सिहं Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/39wx6e30

Abstract

            एक जीव के रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान पर गमनागमन करना मनुष्य की प्राकृतिक आवश्यकता के साथ-साथ स्वभाव भी है। कभी वह अपनी नितान्त भौतिक आवश्यकताओं-भोजन व खाद्य पदार्थों के संकलन, पशुचारण, ईंधन के लिए लकड़ियां एकत्रित करने तो कभी अपने मानवीय सम्बन्धों को निभाने के लिए अपने निवासस्थल से दूर कृषि खेतों, चरागाहों, वनों, खानों जलस्रोतों आदिक कि ओर गमनागमन करता है। दूसरी ओर किसी द्वितीयक उद्देश्यों-रिश्तेदारी, व्यापार-वाणिज्य, शिक्षा व विद्यार्जन करने, स्वास्थ्य लाभ, मनोरंजन, सरकारी व राजकीय कार्यों से, नौकरी करने, धर्मार्थ यात्रा आदि के लिए दूरस्थ स्थानों पर जाकर अपने उद्देश्यों को पूर्ण करता है। यद्यपि इनमें से अधिकांश को आधुनिक पर्यटन या पर्यटक गतिविधियां नहीं कहा जा सकता है किन्तु अपने स्वभाव से ही मनुष्य आदि काल से ही यात्राएं करता रहा है।

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2013-2024

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Articles