उत्तराखंड का लोक साहित्य एवं सांस्कृतिक रूप

Authors

  • डॉ ममता कन्याल Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/h54na523

Abstract

 

     लोक साहित्य अंग्रेजी भाषा के ’फोक लिटरेचर’ का हिंदी रूपांतरण है। जिसका अर्थ होता है, जन समुदाय से जुडा साहित्य। लोक साहित्य वह विस्तृत साहित्य है, जो संपूर्ण जन जीवन में फैला है, तथा प्राचीन सांस्कृतिक मान्यताओं को अपने में समाहित किए हुए है। संसार के हर क्षेत्र में लोक साहित्य व्याप्त है, जिसकी अपनी एक अलग ही सांस्कृतिक विरासत होती है। लोक साहित्य के द्वारा हम समाज की आदिकालीन तथा तत्कालीन संास्कृतिक परंपराओं की जानकारी प्राप्त करते हैं। संस्कृति को जीवित रखने उसमें सरलता उत्पन्न करने में लोक साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तराखंड के लोक साहित्य में स्थानीय बोलियों का प्रयोग किया गया है लोक साहित्य समाज के सामाजिक व धार्मिक भावनाओं सामाजिक सभ्यता और असभ्यता की, राजनीतिक स्थितियों और ऐतिहासिक घटनाओं का निर्णायक होता है।

Downloads

Published

2013-2024

Issue

Section

Articles