यूरोपीय परिवर्तन एवं भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत – एक अध्ययन

Authors

  • डॉ. उपासना वर्मा and शिवानी जायसवाल Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/chn6fb08

Abstract

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम बहुत हद तक यूरोपीय परिवर्तनों से जुड़ा हुआ है | मध्ययुगीन यूरोप अशांति महसूस कर रहा था, वहां पर अराजकता और उथलपुथल का दौर चल रहा था ऐसे में समाज असंख्य बुराइयों से भागना चाहता था। यूरोपीय समाज में हिंसा, क्रूरता और भ्रष्टाचार के प्रति व्यापक असंतोष की भावना उत्पन्न हो गई थी और लोगों को सामाजिक समस्याएं नापसंद थीं जिसकी वजह से वहां के लोग अधिक नैतिक जीवन जीने की लालसा करने लगे थे। उनके मन की उच्च आकांक्षाओं को पूरा करने, अपनी गरिमा की रक्षा करने और सामाजिक और राजनीतिक अनुरूपता के दमनकारी बंधनों से मुक्त होने की तीव्र इच्छा थी जिसने उनकी प्राकृतिक स्वतंत्रता का दम घोंट दिया था। इस प्रकार, मध्य युग के दौरान यूरोप की सामाजिक-आर्थिक संरचना तीन कारकों के संयुक्त प्रभाव से वजूद में थी: सैन्य, आर्थिक और धार्मिक।

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Published

2013-2025

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Articles