नरेश मेहता की काव्य भाषा में बिम्ब सौष्ठव

Authors

  • श्रीमती मन्जु Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/22qbqa12

Abstract

कवि को अपने अनुभव सत्य की अभिव्यंजना में एक विशेष प्रकार की भाषा अपनानी पड़ती है। तार सप्तक के अपने वक्तव्य में अज्ञेय ने कहा है कि कवि की सबसे पहली मौलिक समस्या यह होती है कि वह व्यक्ति के अनुभूत को किस प्रकार उसकी सम्पूर्णता में समष्टि तक पहुंचाऐं।  अपने को कहने के लिए कौनसी भाषा का प्रयोग करें? क्योंकि भाषा के चयन एवं प्रयोग पर ही कविता की सार्थकता टिकी रहती है। यदि भाषा में मन को दहला देने वाली आग नहीं है तो वह भाषा कवि के कथ्य को पूर्ण रूपेण स्पष्ट नहीं कर पाती।

Published

2013-2025

Issue

Section

Articles