हिन्दी साहित्य में हाशिए पर मजदूर और आदिवासी
DOI:
https://doi.org/10.8855/46nmp743Abstract
हिन्दी साहित्य में महान साहित्यकारों ने मजदूर और आदिवासिओं को केन्द्र में रखकर अनेक रचनाए लिखे है । उन में से भगवानदास मोरवाल भी एक है जिन्होने मेवात समाज के मजदूर और आदिवासियो का चित्रण बहूत मरम स्पर्शि ढ़ंग से प्रस्तुत किये है । भगवानदास मोरवाल जी के पुर्व भी प्रेमचंद जी के गोदान, फणिश्वरनाथ रेणु जी के मैला आंचल, नागार्गुन के रतिनाथ की चाची, बचलनाम, जैसे उपन्यासो में भी किसान, मजदूरो चित्रण किये गये है । भगवानदास मोतवाल जी के उपन्यास काला पहाड़, बाबल तेरा देश में और नरक मशिहा जैसे उपन्यास में हाशियों पर मजदूर और आदिवाशिओं का चित्रण किये है ।
Downloads
Published
2013-2024
Issue
Section
Articles