नरेश मेहता के काव्य में सांस्कृतिक मूल्य

Authors

  • डाॅ.विद्या शशिशेखर शिंदे Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/edt6dd63

Abstract

भारतीय संस्कृति की एक सर्वसम्मत परिभाषा करना नितांत कठिन हैा क्योंकि भारत वर्ष,इतिहास की दीर्घकालीन परंपरा में अनेक धर्म,जातियों एवं संस्कृतियों का संगमस्थल रहा हैंा जिसे हम भारतीय संस्कृति कहते हैंा वह आदी से अंत तक न तो आर्यों की रचना हैं औंर न द्राविडों की,उसके भीतर अनेक जातियों का अंशदान हैंायह संस्कृति रसायन की प्रक्रिया से तैयार हुई हैं और इसके भीतर अनेक औंषधियों का रस भरा हैंाइसी कारण भारतीय संस्कृति में अनेक प्रकार की विशेषताएॅं विद्यमान हैंा

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2013-2024

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Articles