महिला अस्मिता के सवाल रू समाजशास्त्रीय विमर्श ;राजस्थान के विशेष सन्दर्भ मेंद्ध

Authors

  • डॉण् ज्योति सिडाना Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/gdbz6a67

Abstract

सदियों से कहते.सुनते आये हैं कि जहाँ नारी का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते हैंए एक महिला को शिक्षित करने पर पूरा परिवार शिक्षित हो जाता हैए महिला ही किसी मकान को घर बनाती है इत्यादि यह सब बाते सिर्फ कहने के लिए ही है या इनका कोई महत्त्व भी है। जब किसी महिलाध्लड़की का बलात्कार होता है तो उस पर चरित्रहीनता का लेबल लगा दिया जाता हैए उसे घृणा भरी नजरों से देखा जाता हैए समाज से उसको अलग.थलग कर दिया जाता है क्योंकि उसकी इज्जत जा चुकी है पर उस पुरुष का क्या जिसने इस दुर्व्यवहार को अंजाम दिया क्या उसकी इज्जत बरकरार रहती हैघ् यानी दुर्व्यवहार करने वाले का कुछ नहीं होता जिसके साथ हुआ है उस लड़की की इज्जत दागदार हो जाती है। जब दहेज़ की मांग करने पर लड़की उस लड़के से रिश्ता तोड़ देती है तो ऐसी लड़कियों की शादी दोबारा तय होना मुश्किल होता है जबकि दहेज़ के लोभी लड़के की कोई बदनामी नहीं होती क्योंघ् लड़कियों को सलाह दी जाती है कि उन्हें सूनसान स्थानों पर या रात में अकेले नहीं जाना चाहिएए खुद को पूरी तरह ढक कर रखना चाहिए पर लडकों को क्यों सलाह नहीं देते कि किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ या दुर्व्यवहार नहीं करना चाहिएए उनका सम्मान करना चाहिएघ् समाज की इस दोहरी मानसिकता के पीछे क्या कारण हैघ् एक तरफ महिला सशक्तिकरणए महिला आरक्षणए लैंगिक समानता की बाते करना दूसरी तरफ इस आधी आबादी के प्रति कुत्सित सोचए हिंसाए शोषणए दमन की प्रवृति रखना दोहरी मानसिकता नहीं तो और क्या है।

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2013-2024

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Articles