छायावादी कवियों में राष्ट्रीय चेतना के स्वर

Authors

  • डाॅ॰ ऋतु Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/k48yzs33

Abstract

भारतीय राजनीतिक दृष्टि से देखें तो सन् 1715 ई॰ से 1736 ई॰ का कालखंड आंदोलनों एवं जनभागीदारी का समय था । उस समय में नेहरु, सरदार पटेल, सुभाषचंद्र बोस जैसे नेताओं का प्रभाव जनता पर बहुत था । स्वभाविक है यदि जनता पर स्वतंत्रता आंदोलन का प्रभाव है तो  साहित्यकार भी उससे अछूते नहीं होंगे । परन्तु साहित्य कीदृष्टि से यह कवि वास्तविकता में कम और वायवीय संसार में अधिक विचरण करते हैं। कवि का सामाजिक जीवन एवं राजनीतिक आंदोलनों से कोई से कोई संबंध था अथवा नहीं ।

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2013-2024

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Articles