जनजातीय विकास: समस्याएं एवं संभावनाएं (छत्तीसगढ़ पी.टी.जी. ‘कमार’ के विशेष संदर्भ में)

Authors

  • डॉ आई. पी. दिनकर Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/zzema259

Abstract

यह शोधपत्र छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) 'कमार' पर विशेष ध्यान देते हुए जनजातीय विकास के बहुआयामी पहलुओं की पड़ताल करता है। भारत के समग्र विकास में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, कमार समुदाय को कम साक्षरता दर और स्वास्थ्य सेवा तक सीमित पहुँच सहित सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। औपनिवेशिक विरासत और भूमि अधिग्रहण जैसे ऐतिहासिक कारकों ने इन मुद्दों को और जटिल बना दिया है, जिससे सामाजिक-आर्थिक असमानताएँ और सांस्कृतिक संरक्षण संबंधी चिंताएँ पैदा हुई हैं। यह अध्ययन कमार समुदाय की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करने, सरकारी नीतियों का आकलन करने और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और पर्यावरण की दृष्टि से सही सतत विकास हस्तक्षेपों का प्रस्ताव करने के लिए मिश्रित-पद्धति दृष्टिकोण का उपयोग करता है।

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2013-2024

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Articles