शिक्षा में मानवीय मूल्यों की पुनस्र्थापना
DOI:
https://doi.org/10.8855/5mwsq357Abstract
शिक्षा को लेकर हमारे शिक्षाविदों, विचारकों, धर्माचार्यों, समाज सुधरकों ने सदैव चिंतन किया है। उनके विचार हर युग में प्रासंगिक रहेंगे। “शिक्षा (पाठ्य-प्रणाली) का मूल सिद्धांत लोगों को केवल सेवावृत्ति के योग्य बनाने का नहीं किंतु देशभक्त, सच्ची और स्वतंत्र उद्योगी प्रजा को बनाने का होना चाहिए।“ यह विचार है हमारे महान क्रांतिकारी राजस्थान केसरी ठाकुर केसरीसिंह बारठ के, जो सच्चे देशभक्त थे।
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2013-2024
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Articles