सुधा अरोड़ा और प्रिया तेंडुलकर के कथा साहित्य का विश्लेषण
DOI:
https://doi.org/10.8855/tc1f3381Keywords:
विशिष्ट, विचारधारा, तुलनात्मकAbstract
सुधा अरोड़ा और प्रिया तेंडुलकर, दोनों ही प्रसिद्ध लेखिकाएँ, भारतीय साहित्य के विभिन्न पहलुओं को अपने अद्वितीय रूप से प्रस्तुत करती हैं। उनकी कहानियाँ और उपन्यास समय, स्थान, और पात्रों के बारे में विचार करने के लिए एक आधार प्रदान करती हैं, जिससे पाठक उनके द्वारा प्रस्तुत विचारों को समझ सकते हैं। यह तुलनात्मक अध्ययन यहाँ इन दोनों लेखिकाओं के कहानी साहित्य के महत्वपूर्ण पहलुओं को गहराई से समझने का प्रयास करेगा।
सुधा अरोड़ा और प्रिया तेंडुलकर, दोनों ही भारतीय साहित्य के प्रमुख लेखिकाएँ हैं, जिनकी कहानियाँ और उपन्यास विशिष्ट समय और समाज के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करते हैं। इन दोनों की कहानीकारी शैलियों में अंतर होने के बावजूद, उनके लेखन में समय का महत्वपूर्ण रोल है, जो पाठकों को उनकी कहानियों के पात्रों और संदर्भ को समझने में मदद करता है। यह अध्ययन उनके कहानी साहित्य के तुलनात्मक विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिससे हम उनके लेखन की विशेषता, विचारधारा, और समय के साथ परिवर्तन को समझ सकें।