मन्नू भंडारी के उपन्यासों में बाल मनोविज्ञान
DOI:
https://doi.org/10.8855/s3sttf29Abstract
‘मनोविज्ञान’ मन का विज्ञान है, वेद-मन्त्रों में मन की व्याख्या, करते हुए बताया है कि मानव मन जागृत एवं स्वप्न दोनों ही अवस्थाओं में गतिमान रहता है। मनोविज्ञान का अंग्रेजी पर्यायवाची शब्द ‘साइकाॅलाॅजी’ है, जो यूनानी भाषा के ‘साइके’ और ‘लोगस’ से मिलकर बना है। ‘साइके’ का अर्थ है ‘आत्मा’ और ‘लोगस’ का अर्थ है ‘विचार-विमर्ष।’ इन दोनों शब्दों से साइकाॅलाॅजी शब्द बना है। अतएव ‘साइकाॅलाॅजी’ वह विज्ञान है जिसमें मनुष्य की आत्मा के विषय में चर्चा है।’’1 मनोविज्ञान-शास्त्र भारत के लिए नया विषय नहीं है। हमारे पूर्वजों ने इस विषय पर पहले से ही विचार किया है, वे मानसषास्त्र को ‘जीवन का तत्वज्ञान’ कहते थे। इस तत्त्वज्ञान में मन सम्बन्धी अर्थात् चेतन-मन और अति चेतन ;ैनचमत ब्वदेबपवनेद्ध मन का अध्ययन किया है।’’2