हिंदी साहित्य में सामाजिक परिवर्तन का प्रतिबिंब

Authors

  • अनिल कुमार Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/ea7kek72

Abstract

यह शोध पत्र हिंदी साहित्य के विभिन्न कालों में हुए सामाजिक परिवर्तनों को दर्शाता है। इसमें यह विश्लेषण किया जाएगा कि कैसे हिंदी साहित्यकारों ने अपने लेखन के माध्यम से समाज में हो रहे बदलावों को उजागर किया है।

उदाहरण के लिए, आप प्रेमचंद के उपन्यासों में ग्रामीण जीवन और सामाजिक कुरीतियों को दर्शाने वाले पहलुओं का विश्लेषण कर सकते हैं।

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Published

2013-2024

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Articles