वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षा में भगवद्गीता की प्रासंगिकता

Authors

  • रजनी शर्मा  डाॅ॰ रविकान्त सरल Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/0w17rs15

Abstract


गीता की प्रमुख विशेषता है, उसकी व्यावहारिकता और प्रासंगिकता वही वस्तु रह सकती है, जो समाज के व्यवहार में प्रचलित हो न कि सिद्धान्तों मात्र की हो। गीता में मात्र तत्व ज्ञान ही नहीं वरन् व्यावहारिक दर्शन सर्वथा दर्शनीय है। गीता दार्शनिक विवेचन ही नहीं है वरन् गीता मानव को केन्द्र में रखकर मानव के सर्वतोन्मुखी कल्याण के उपायों को भी प्रस्तुत करती है। शिक्षा का उद्देश्य केवल पाठ्यक्रम को पढ़ाना हो गया है जबकि भगवद्गीता पाठ्यवस्तु को छात्रों के मानसिक स्तरानुसा उसकी योग्यता, अभिरूचि आदि के अनुसार व्यवहार में उसके प्रयोग करती है।

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Published

2013-2024

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Articles