सहारनपुर नगर में ठोस कचरे के निस्तारण से पर्यावरण पर प्रभाव

Authors

  • यज्ञदत्त and डॉ० शालू Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/0xfq5642

Abstract


सहारनपुर शहर में ठोस कचरा प्रबंधन एक गंभीर चुनौती बन चुका है। बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण के कारण प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे की मात्रा में लगातार वृद्धि हो रही है, जिसका सही निस्तारण नहीं हो पा रहा है। असंगठित कचरा निस्तारण से जल, वायु और मिट्टी प्रदूषित हो रही है, जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहे हैं। जल स्रोतों में विषैले तत्वों का प्रवाह बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय भूजल और नदियाँ दूषित हो रही हैं। कचरे को जलाने से वायु में हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जो सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ावा देता है। मिट्टी में फेंके गए प्लास्टिक और रसायनों के कारण मिट्टी की उर्वरता भी कम हो रही है। इससे स्थानीय समुदाय के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, जैसे डेंगू, मलेरिया, और अन्य संक्रामक रोग। इस शोध में सहारनपुर में ठोस कचरे के प्रबंधन की वर्तमान स्थिति, उससे जुड़े पर्यावरणीय खतरे और समाधान के लिए आवश्यक कदमों का विश्लेषण किया गया है। कचरे का उचित पृथक्करण, पुनर्चक्रण, और जागरूकता अभियान इस समस्या को कम करने में सहायक होंगे। प्रशासन, नागरिकों और संगठनों को मिलकर ठोस और टिकाऊ समाधान अपनाना आवश्यक है ताकि सहारनपुर का पर्यावरण सुरक्षित और स्वच्छ रह सके।

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Published

2013-2025