भारतीय प्रकृति, परम्परा में भगवत् गीता एक अध्ययन

Authors

  • डाॅ0 राम नरेश दिहुलिया Author

DOI:

https://doi.org/10.8855/48aqjf63

Abstract


मैक्समूलर, आर्थर शोपेनहावर, विल्हनवोनहम्बोल्ट, एनीबेसेंट, हेनरी एवं डेविडथोरो, राल्फवाल्डो जैसे पश्चिमी विद्वानों ने प्राचीन भारतीय चिंतन एवं विशेष रूप से भगवद्गीता की प्रशंसा की है। उनके विचारों के अनुसार भगवद्गीता के विषय में कहा जा सकता है कि यह एक अत्यंत सुंदर और संभवतः एकमात्र दार्शनिक ग्रंथ है जो किसी अन्य भाषा में नही ंहै।साथ ही हिंदुत्व जैसा परिपूर्ण, वैज्ञानिक, दार्शनिक और आध्यात्मिक ग्रंथ और कोई नही ंहै।

Published

2013-2024